Don't restrict your self, think beyond the lines !!
दुनिया मैं यैसे यैसे लोग है जिन्होंने अपनी काबिलियत पर हमेशा भरवसा रखा और दुनिया को उनकी तरफ देखने का एक अलग नजरिया दिया पर यैसा नहीं था के उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था; या उनपे सवाल उठाने वाला कोई नहीं था ,बहोत लोग थे पर ओ डटे रहे क्योँकि उनमें दुनिया को एक अलग नजरियेसे देखने की क्षमता थी वो हमेशा से जानते थे की बदलाव ही दुनिया का अंतिम सच है। जो दुनिया हमें दिखाने की सोच रखती है शायद वो हर बार सच नहीं होता,या सारी दुनिया जिस चीज को अंतिम सत्य मान ले उसके परे भी कुछ और सत्य है; या एक नयी सोच हो सकती है । इसपर उन्होंने भरवसा किया ।
हमें हमेशा बचपन से माँ-बाप, समाज, स्कूल ,कालेज मैं वही सिखाया गया है जो हमेशा से हमारी पीढ़ियों ने सीखा है , एक परीक्षा और उसके रिपोर्ट कार्ड से हमारा भविष्य तय किया जाता है और ये भी सच है के हम बस उसपे निर्भर रहते है ,उसके परे जाकर हम न कभी कुछ करते है ; या करनेकी सोच रखते है?
पर हम यैसा क्योँ करते है ?हमें मैं से हर कोई दुनिया मैं एक अलग सोच लाने के बारे मैं क्योँ नहीं सोच सकता ? क्या हम भूल गए है के हम मनुष्य है ?
दुनिया मैं अगर 100 लोग भी तुम्हारे तरह नहीं सोच पाते इसका मतलब आप गलत है,यैसा बिलकुल नहीं है , इसका मतलब आपका दुनिया के प्रति सोचने का नजरिया अलग है, आप 100 लोगो मैं सबसे ज्यादा अनोखें है,सबसे अलग। ये तो बिलकुल अच्छी बात है ।
कभी कभी मैंने ये अनुभव किया है ,कोई हमें एक दिशा की और जाने का मशवरा देता है और हम खुदकी सोच लगाए बिना चल देते है , अगर सामने वाला अच्छी राह दिखाए तो ठीक है पर सामने वाला बुरी राह दिखाए तो भी उस राह पर चलना बुरा है ना? हमे अगर मनुष्य का जीवन मिला है तो हमें अपने जीवन के प्रति बहोत ही ज्यादा विनम्र और हमेशा अपने मनुष्य होने का शुक्रिया अदा करना चाहिए । हमारा जन्म कीड़ो और प्राणियों की प्रति होता तो पेट भरना, अपना परिवार बनाना और सो जाना इतना ही हमारा काम होता , पर हम मनुष्य होकर भी यही कर रहे है सचमें ये कितनी शर्म की बात है ? हमारा जन्म मृत्यु की पश्चात हमें आने वाली पीढ़ियों को एक होनहार कल दे इसके लिए हुवा है, जो चीजे हमारी पिछली पीढ़ी खोज नहीं पायी ओ खोज जारी रखना इस लिए हुवा है , मरने के पश्तात दुनिया हमें एक अलग नाम से जाने इस लिए हुवा है !
सो प्लीज Don't restrict your self ,so do something beyond the lines मैंने बहोत बार ये भी देखा है अगर किसीने अपनी जीवन मैं एक अलग मुकाम हासिल करने के बाद भी अपने अंदर रखे हुनर को एक अलग पहचान दी है ,ऐसे लोगो की हमें सराहना करनी चाहिए के ;उन लोगो ने उच्तम पद हासील करने के बावजूत एक अलग पहचान बनायीं रखी; पर उन्हें भी बहोत बार लोग अलग ही प्रकार से प्रताड़ित करते है ,उनका काम ये है उन्हें ये नहीं करना चाहिए यैसी सोच रखते है ?
पर आखिर क्योँ ? मुझे आश्चर्य होता है खुद होकर कुछ नया करनेकी खुदकी सोच तो रख नहीं पाते पर दुनिया को क्या करना चाहिए ये , यैसे सोचने की हिम्मत रखते है ? यैसे लोगो से दूर ही रहे क्योँकि हम जिन लोगो मैं रहते है हमारी सोच भी वैसे ही बनती जाती है ।
उस दिन आप खुदको बेड़ियों मैं नहीं खुली आकाश मैं इस दुनिया के आगे जाकर देख पाएंगे ।
Wish you all the best..
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Padmaja S. Rajguru
Its really Inspired me ....keep it up...👍👍
ReplyDeletewell said padmaja
ReplyDeleteReally , thankful for appreciating your kind words, and boosting me for writing more.
ReplyDeleteNice article padmaja..ur article is very impressive... inspirational...keep it up....
ReplyDeleteVery thought full & inspiring
ReplyDeleteReally , thankful for appreciating your kind words, and boosting me for writing more.
ReplyDeleteThis Blog will motivate, inspire and life changer for everyone. Thank you so much Padmaja.
ReplyDeleteNice....Inspiring...
ReplyDeleteWajir
Thank you so much sir..
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