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Showing posts from May, 2020

Never judge a Book by its cover !!!

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         आजका विषय मेरा सबसे ज्यादा पसंदिता विषय मैं से एक है , हमें कभी भी किसी को  जज नहीं करना चाहिए। मैंने हमेशा लोगो को औरो की प्रति जजमेंटल होते देखा है , जबकी  कई बार लोग एक दूसरे को ठीक से पेहचानते भी नहीं है , न एक दूसरे से कभी बात भी करते है फिर भी वो कह देते है के  'I don't like that person'  आखिर ऐसा क्योँ ? "Its very easy to look at people and quick judgments about in their present and their past but you would be amazed at the pain and tears a single simile hides.what a person shows to the world is only one tiny facet of the iceberg  hidden from the sight "             हम सबने कई बार ये अनुभव किया होगा के लोग हमेशा आपनो से बड़े या छोटे लोगे से मिलने की कोशिश नहीं करते ,वे डरते है के कही किसी जगह कोई हमारा अपमान न कर दे; या छोटे लोगो मैं जाकर लोग हमें छोटा न समझे । पर दोस्तों दुनिया मैं कई यैसी मिसाले  पायी गयी है जहाँ  लोग बिलकुल  सिंपल तरीके से रहते है; फिर भी पूरा देश उनको अपना आदर्श मानता है, हमने कई बार लोगो को तुलनामत्क तरीकेसे एक दूसरेपर क

Never lose your self respect !!

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          " Self love, Self respect, Self worth. There is a reason they all start with “Self”, You cannot find them in anyone else." दुनिया मैं  बहोत कम लोगो मैं  सेल्फ रिस्पेक्ट और उसको अनुभव करनेकी ताकद होती है। यैसा मैं इस लिए केह रही हूँ क्योँ के; हमने सेल्फ रिस्पेक्ट को बड़े गलत तरीके से समझा है, रिस्पेक्ट खुद की करेंगे तभी दूसरोकी  कर पायेंगे।                मैंने ये कई बार लोगो से सुना है " work like a spine less you will succeed soon" क्या सच मैं हमेशा दुसरो के सामने झुके रहने से; हमजल्द कामयाब बन जायेंगे? खुदके विचारों की न सुने पर किसी और को फॉलो करे?  हमें स्वाभिमानी बन्ना है या अभिमानी ? ये भी हमें खुद तय करना होगा।  आखिर स्वाभिमान है क्या?  मुझे लगता है इंसान को अपने खुद के वजूद के लिए स्वाभिमानी होना बहोत जरूरी होता है। हम में से कही सारे लोग है; जो ईगो और सेल्फ रिस्पेक्ट के बीच बनी छोटी सी दुरी को समझ नहीं पाते,और जब बात ईगो पर आ जाती है उसे ही सेल्फ रिस्पेक्ट समज़ने लगते है. दुनिया में बहोत सारे लोग है जिन्होने अपने जीवन मैं हमेशा से विनम्र

Don't restrict your self, think beyond the lines !!

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       दुनिया मैं यैसे यैसे लोग है जिन्होंने अपनी काबिलियत पर हमेशा भरवसा रखा और दुनिया को उनकी तरफ देखने का एक अलग नजरिया दिया पर यैसा नहीं था के उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था; या उनपे सवाल उठाने वाला कोई नहीं था ,बहोत लोग थे पर ओ डटे रहे क्योँकि उनमें दुनिया को एक अलग नजरियेसे देखने की क्षमता थी वो हमेशा से जानते थे की बदलाव ही दुनिया का अंतिम सच है। जो दुनिया हमें दिखाने  की सोच रखती है शायद वो हर बार सच नहीं होता,या सारी दुनिया जिस चीज को अंतिम सत्य मान ले उसके परे भी कुछ और सत्य है; या एक नयी सोच हो सकती है ।  इसपर उन्होंने भरवसा किया ।        हमें हमेशा बचपन से माँ-बाप, समाज, स्कूल ,कालेज मैं वही सिखाया गया है जो हमेशा से हमारी पीढ़ियों ने सीखा है , एक परीक्षा और उसके रिपोर्ट कार्ड से हमारा भविष्य तय किया जाता है और ये भी सच है के हम बस उसपे निर्भर रहते है ,उसके परे जाकर हम न कभी कुछ करते है ;  या करनेकी सोच रखते है? पर हम यैसा क्योँ करते है ?हमें मैं से हर कोई दुनिया मैं एक अलग सोच लाने के बारे मैं क्योँ नहीं सोच सकता ? क्या हम भूल गए है के हम मनुष्य है ? हम

दुनिया कुछ भी कहे हमें सिद्धांतो पे डटे रहना है !!!

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आने वाला कल उन्हीको याद रखता है जो हमेशा ईमानदारी और मेहनतसे आगे बढ़ते है ; भलेही देर लगे पर वो लोग अपने सिद्धांत कभी नहीं छोड़ते. इस दुनिया मैं बहोत अलग ढंग रंग और स्वाभाव के लोग रहते है । बचपनसे हमें यही सिखाया जाता है के 'मेंहनत का फल अंत मैं मीठा होता है 'पर ये नहीं बताया जाता के ये अंत कब आता है ? कबतक मेंहनत करते रहना है ? और कब ओ दिन होगा जिस दिन हमें ओ फल मिलेगा ? दोस्तों मुझे पता है आपको भी ये कन्फूजन होगा ! है ना? पहले तो हमें ये जानना होगा के हम किस मेंहनत के बारेमें बात कर रहे है ,और किस मीठे फल की आशा कर रहे है ?  दोस्तों सिद्धांत मानवी बुद्धिमत्ता का एक अपूर्व भाग है ये हमें कभी नहीं भूलना चाहिए ,( Ethics is the doctrine of manners, or science of philosophy, which teaches men their duty and the springs and principles of human conduct  ) और सिद्धांत बनाना या उस राह पे चलना दुनिया का सबसे मुश्किल काम है; जो अपनी भावनावो को आपने सिधान्तो से जोड़ते है उनका विजय अटूट होता है ,ओ लोग हमेशा जीत के काबिल होते है वो कही भी जाये लोग हमेशा उनसे आकर्षित होते है ,

life is unpredictable !!!

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life is unpredictable ... सगळे बोलतात जीवन हे क्षणभंगुर आहे.पण त्या क्षणभंगुर जीवनात कुठले क्षण आपले आणि कुठले परके हे ओळखणे खूप कठीण आहे. कारण जीवनच मुळात खूप unpredictable आहे. जीवनात सुखा मागे दुःखे येणारच पण त्यातही आपल्याला सुखाचा हव्यास जास्ती असतो. सुखाच्या क्षणांना आपण सारखं गोंजारत बसतो आणि दुःखाला कवटाळून रडत बसतो.मला माहितेय काही गोष्टींचा गुंता सोडवणे एवढं सोप्प नसत मुळात, पण जीवनात येणाऱ्या संकटाना पाठमोर केलं तर ती परत वळून येतात. मग काय करायचं ?कसा या संकटांचा सामना करायचा ? खुप कमी लोकांमध्ये सत्य स्वीकारण्याची ताकद असते आणि हीच ताकद त्यांची सर्वात मोठी पॉवर असते. तर काही लोकांना हार पत्करणे खूप अवघड जात.मग अश्या वेळी अश्या काही घटना घडल्या तर;ज्यांचा आपण सामनाच करू शकत नाही असं वाटायला लागत मीच का? दरवेळेस माझ्याच वाट्याला का ? मी काय चूक केली कि सारखं चुकीचं माझ्या सोबत घडत राहत. तेंव्हा लक्षात घ्या हाच तुमच्या लाइफ चा सर्वात मोठा टर्निंग पॉईंट असतो नवल वाटतंय ना ? वाटू द्या कारण मी पहिलेच सांगितलं आहे life is unpredictable . रोजच एक सारखं आयुष्य जगण्यात