सत्य




जिंदगी तू छाँव है
तो धुप गिरी तन पै क्योँ
जिंदगी तू आस है
तो डर मेरे मन मैं है क्योँ...


रास्तो पर चल रही है
काली पिली गाड़िया
लाल नीली गाड़ियों सी
चार इनके पय्ये है
चल रहे एक रस्तो पर
पर मंजिले क्योँ भिन्न है....

बारिशो की बुँदे भी
हो रही अब मतलबी
गिरती है बस आँखों से
खेतो से मैंने देखा है....

बड़े बड़े चट्टानो से
भगवान् बनाये जाते क्योँ
भीतर अगर इंन्सानो के
भगवान् पाए जाते है
चट्टानों से बने हैं खुद
तेरे मन को क्या बनाएंगे ....

वर्तमान और भविष्यसे
जुडी कल की कड़िया क्योँ
जो आज है, वही सत्य है
कल और परसो बस भ्रम है...


Written By,
Padmaja Rajguru

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