"what a fighter what an Actor".
सीरियस एक्टिंग मैं चुटकुला सुनाकर लोगो को हसाना आसान होता है क्या ?
सिर्फ आदमी गलत नहीं होता कभी-कभी वक़्त भी गलत होता है ।
Words By - इरफान खान.
( Big loss of bollywood )
(RIP Irrfan Khan (7th Jan1967-29th April 2020)
The face of the Indian 'everyman' in Bollywood. bringing the 'extraordinary' in ordinary characters and slipping into every role with such versatility.
जब हम मर जाते है ..
जाने कहां चले जाते है..
वही आइना वही नशा ..
क्या फिर उनसे मिल पाते है..
पर फिर भी पूरी दुनिया उसकी एक्टिंग की दिवानी है और हमेशा रहेंगी ...
दुनिया मैं कलाकारों की कोई कमी नहीं पर कुछ लोग ऐसे होते है जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता वो बस पैदा ही सिनेमा के लिए होते है उनको हम आर्टिस्ट कहते है ।
तीन घंटे की सिनेमा मैं अपना किरदार कुछ मिंटो कर लोगो की दिल मैं बस जाना आसान होता क्या ? अपनी सीरियस एक्टिंग मैं चुटकुला सुनाकर लोगो को हसाना आसान होता है क्या ? पांच मिनिट की सीन मैं दस मिंटो का पॉज़ लेकर अपनी गहरी आँखों से पूरा डायलॉग बोल देना आसान होता है क्या ? पर उसके लिए सब आसान था क्योँकि वो एक थियेटर आर्टिस्ट था । थियेटर आपने आपमें एक वास्तविकता है लोगो को परखनेकी ; लोगो को समजनेकी एक अजीब सी जादू उसे आती थी भाप लेता था वो कुछ सेकंड मैं तभी तो सिनेमा के हीरो भी बिना स्क्रिप्ट पढ़े उसकी मूवी मैं काम करना चाहते थे।
सच एक अजीब सा नशा था उसकी बोलने की अंदाज़ मैं , वो रीयलिस्टिक हीरो था जो लोगो को काल्पनिक सोच नहीं बल्कि वास्तविक सत्य दिखाता था , इरफान खान आप ने हिंदी सिनेमा को जो योगदान दिया है हम आपके चाहनेवाले आपको पूरी दिल से दुवाये देते है ।
आप जहाँ भी रहे वैसे ही रहे बस मिटटी से जुड़े रहे ये दुवा करते है ; हमें पता है आप वहाँ भी लोग यही कहेंगे
मैं वही सुनता हूँ जिस्से मेरे इरादे मजबूत होते है ... Words By - इरफान खान.
written by ,
Padmaja Rajguru
जाने कहां चले जाते है..
वही आइना वही नशा ..
क्या फिर उनसे मिल पाते है..
7th January 1967 भारत मैं एक सितारे का जन्म हुवा था उसे क्या खबर थी की वो किस दुनिया का सितारा बन्ने जा रहा था.
एक ऐसा सितारा जो कोई रोमांटिक हीरो नहीं था जिसके पीछे लड़किया पागल नहीं थी न उसकी लुक्स चॉकलेट बॉय जैसी थी ...पर फिर भी पूरी दुनिया उसकी एक्टिंग की दिवानी है और हमेशा रहेंगी ...
"दुनिया मुझे चेहरे से नहीं मेरे काम से पहचानेगी "
Words By - इरफान खान.दुनिया मैं कलाकारों की कोई कमी नहीं पर कुछ लोग ऐसे होते है जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता वो बस पैदा ही सिनेमा के लिए होते है उनको हम आर्टिस्ट कहते है ।
तीन घंटे की सिनेमा मैं अपना किरदार कुछ मिंटो कर लोगो की दिल मैं बस जाना आसान होता क्या ? अपनी सीरियस एक्टिंग मैं चुटकुला सुनाकर लोगो को हसाना आसान होता है क्या ? पांच मिनिट की सीन मैं दस मिंटो का पॉज़ लेकर अपनी गहरी आँखों से पूरा डायलॉग बोल देना आसान होता है क्या ? पर उसके लिए सब आसान था क्योँकि वो एक थियेटर आर्टिस्ट था । थियेटर आपने आपमें एक वास्तविकता है लोगो को परखनेकी ; लोगो को समजनेकी एक अजीब सी जादू उसे आती थी भाप लेता था वो कुछ सेकंड मैं तभी तो सिनेमा के हीरो भी बिना स्क्रिप्ट पढ़े उसकी मूवी मैं काम करना चाहते थे।
सच एक अजीब सा नशा था उसकी बोलने की अंदाज़ मैं , वो रीयलिस्टिक हीरो था जो लोगो को काल्पनिक सोच नहीं बल्कि वास्तविक सत्य दिखाता था , इरफान खान आप ने हिंदी सिनेमा को जो योगदान दिया है हम आपके चाहनेवाले आपको पूरी दिल से दुवाये देते है ।
आप जहाँ भी रहे वैसे ही रहे बस मिटटी से जुड़े रहे ये दुवा करते है ; हमें पता है आप वहाँ भी लोग यही कहेंगे
"what a fighter what an Actor".
मैं वही सुनता हूँ जिस्से मेरे इरादे मजबूत होते है ... Words By - इरफान खान.
written by ,
Padmaja Rajguru
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